पंचाक्षर ज्योतिष में आपका स्वागत है।

हम सभी बहुत मेहनत करते हैं लेकिन एक जैसा परिणाम नहीं मिलता -इसका जवाब देता है "ज्योतिष "

पंचाक्षर ज्योतिष में आपका स्वागत है।

ज्योतिष ' सूर्य ' की तरह है जो आपको अंधकार ( तकलीफों) से बाहर निकाल कर रोशनी (ख़ुशियाँ) देता है.

पंचाक्षर ज्योतिष में आपका स्वागत है।

हम भाग्य नहीं बदलते, ज्योतिषीय मार्गदर्शन से आप अपना भाग्य बदल सकते हैं.

विशेष तथ्य

ज्योतिषशास्त्र

जीवन में कई बार ऐसा होता है कि हम कठिन मेहनत करते हैं फिर भी हमें वांछित सफलता नहीं मिलती, बेवजह कलंकित होते हैं, बार बार रोग सताते है ऐसे समय मन बहुत विचलित व निराश होने लगता है कुछ समझ में नहीं आता है | ऐसे समय ज्योतिष विद्या 'सूर्य ' की भांति समस्या रूपी अंधकार को दूर करने में सक्षम होती है | ज्योतिष के माध्यम से हम इन समस्याओं के कारणों का पता लगाते है,प्रतिकूल ग्रहों का शांति-उपाय कर,अनुकूल ग्रहों को बलवान कर अपने जीवन को भौतिक, आर्थिक व आध्यात्मिक रूप सम्पन्न कर सकते हैं |

रत्न रहस्य

जन्मकुंडली में स्थित ग्रहों के प्रभाव हम बच नहीं सकते, कारक ग्रहों की दशा में हम ऐश्वर्यशाली व आंनदमय जीवन जीते हैं और अकारक ग्रहों की दशा में कष्ट पाते हैं और संघर्ष करते है | ऐसे समय में ग्रहों को अनुकूल बनाने हेतु प्रतिनिधि रत्नों का सहारा लेना पड़ता है,प्रत्येक ग्रह का एक प्रतिनिधि रत्न होता है. रत्न टानिक की तरह होते हैं जो हमारे ग्रहों को विशेष बल प्रदान करते हैं अगर रत्नों को मंत्रो से अभिमंत्रित कर विशेष मुहुर्त में धारण कर उनसे सम्बंधित मंत्रो का जाप किया जाय तो अलौकिक सफलता प्राप्त होती है |

वास्तु शास्त्र

कई बार हम धन कमाते हैं लेकिन बचता नहीं, आर्थिक संकट बना रहता है ,मकान भी सुंदर व शयनकक्ष आरामदायक होता है लेकिन नींद नहीं आती है ,घर में रहने वाले सदस्यों मे कलह रहती है, बिमारी हमेशा बनी रहती है तो समझ जाय आपके घर में वास्तुदोष है | मकान छोटा हो या बडा लेकिन घर की छत के नीचे रहने वाले लोगों में आपस में परस्पर प्रेम,विश्वास एँव सहयोग की भावना हो और घर के सदस्य नित नई ऊचाईयों की तरफ अग्रसर हो प्रगति करे... इसी का वास्तविक ज्ञान देता है -वास्तु शास्त्र.

यंत्र शक्ति

वर्णन है कि 'स्वाती' नक्षत्र में बरसात के पानी की बूंदें अगर सीप में चली जाय तो मोती बन जाती है ये कमाल है नक्षत्र का | कुछ विशेष नक्षत्रों में किये गये कार्य असंभव को भी संभव कर सकते हैं | शुभ व सिद्ध नक्षत्रों पर,विशेष मुहुर्त व समय पर, विशेष स्याही व धातु पर पूजा अनुष्ठान के साथ यंत्र निर्माण किया जाय तो ये यंत्र आश्चर्यजनक सफलता, ऐश्वर्य और धन दौलत प्रदान करते हैं | सोना, चांदी व तांबे की प्लेट पर यंत्रो का निर्माण शुभ होता है | ' भोजपत्र ' पर विशेष स्याही व कलम से बनाये गये यंत्र अलौकिक शक्तिशाली होते हैं |

कुछ लाभार्थी

शिखा दुबे

Contact No : 02974

प्राध्यापिका,श्री रामाकृष्णा स्कूल(आबूरोड) अतिरिक्त

मांगीलाल जाँगीड

Contact No : 09422000672

प्रो.-मेग्जीम ईन्टीरीया,पुणे अतिरिक्त

कमलेश सोनी

Contact No : 020

प्रो.-शुभलक्ष्मी ज्वेलर्स,पुणे अतिरिक्त

पथिक ऱावल

Contact No : +44

साफ्टवेयर इंजीनियर, लंदन अतिरिक्त

स्वप्ना मुखर्जी

Contact No : +65

गुड ईयर टायर,मलेशिया अतिरिक्त

दिनेश जैन

Contact No : +91

होटल होली डे इन हाइवे,मावल,आबूरोड अतिरिक्त

किरण तोडकर

Contact No : +91

सेल्फ इम्पोलोई.जामनगर अतिरिक्त

सोनल भारद्वाज

Contact No : +91

टी वी ऐंकर,बडोदरा अतिरिक्त

नवीन गोयल

Contact No : +91

कार्यरत-आई बी एम,नोयडा(यूपी) अतिरिक्त

अदिति भारद्वाज

Contact No : +61

Professional Title: Entrepreneur, ऑस्ट्रेलिया🇦🇺 अतिरिक्त

मि.तुषार लाखे

Contact No : 7403030376

आर्किटेक्ट अतिरिक्त

गुरूजी-परिचय

श्री सी.पी.टाक उदासीन ( उदासीन गुरूजी) संस्थापक -पंचाक्षर ज्योतिष • जिस उम्र में एक युवक अपना वैवाहिक जीवन शुरू करते हुए भौतिक जीवन व्यतीत करता है उस उम्र में जीवन की सार्थकता जानने एंव आध्यात्मिकता का रहस्य समझने हेतु घर का त्याग कर दिया (सन् १९८७ में ) . एक वर्ष विभिन्न मंदिरों और आश्रमों (रामगढ व ओईला आश्रम,मैहर,मप्र.) में भ्रमण करने के पश्चात भुसावल (महाराष्ट्र) के महान् संत बाबा बालयोगी पुरनदासजी महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ जिनसे गुरू-दीक्षा प्राप्त हुई,उनके सानिध्य में रहकर ज्योतिष, यौगिक तंत्र मंत्र, आयुर्वेद का ज्ञान प्राप्त किया. गुरूजी के आदेशानुसार उदासीन कांच-मंदिर, सिंदिपुरा, बुरहानपुर (मप्र.)आश्रम का कार्य सफलतापू्र्वक संचालित किया (सन् १९८८ से १९९५ तक). इस समय के दरम्यान गुरुजी व वयोवृद्ध हिमालयन उदासीन महात्माओं से आश्रम में "षटकर्म, वैदिक ज्योतिष, तंत्रोक्त हवन, पंचाक्षर-तांत्रिक साधना " का ज्ञान प्राप्त किया । सन् १९९६ से २००६ तक वास्तविक फलित ज्योतिष हेतु श्वेतार्क गणपति (पंचाक्षर गणेश) की कठिन साधना व पूजा अनुष्ठान कर ज्ञान वृद्धि की । आखिर अपने १८ वर्षो के अनुभवो का लाभ लोगों तक पहुंचाने एँव ज्योतिष का वास्तविक ज्ञान व मार्गदर्शन देने हेतु सन् २००७ में पुणे में "पंचाक्षर ज्योतिष " की स्थापना कर व्यावसायिक तौर पर कार्य का शुभारंभ किया जो सफलतापू्र्वक कार्यरत हैं ।

-पूर्व जू. महंत-काँचमंदिर,बुरहानपुर(चंद्रशेखर महाराज)

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