निशिता काल पूजा समय- 00:06 से 00:55, मार्च 12
अवधि- 48 मिनट
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ- मार्च 11, 2021 को 14:39 बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त- मार्च 12, 2021 को 15:02 बजे
शिवरात्रि पारण समय- 12 मार्च को 06:34 से 15:02 बजे तक
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय- 11 मार्च को 18:27 से 21:29
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय- 11 मार्च को 21:29 से 00:31
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय - 12 मार्च को 00:31 से 03:32
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय- 12 मार्च को 03:32 से 06:34 बजे तक
महाशिवरात्रि का महत्व-
इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह हुआ था। ऐसी मान्यता है कि शिव-शक्ति के मिलन के इस पावन पर्व पर व्रत और पूजन करने से वैवाहिक जीवन की सभी समस्याओं का निदान होता है। इसके लिए पति-पत्नी दोनों को व्रत करके भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि का व्रत रखने से मनचाहे वर की भी प्राप्ति होती है। यदि किसी कन्या के विवाह में कोई बाधा आ रही हो तो महाशिवरात्रि का व्रत बेहद शुभफलदायी माना जाता है। इस व्रत को करने से मनुष्य के पापों का क्षरण होता है। महाशिवरात्रि पर पूरी निष्ठा के साथ व्रत करने और "शिव चालीसा " करने से भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त होती है।
1.इस दिन चावल,गेहूं आदि से बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
2. इस दिन मांस-मदिरा से दूर रहना चाहिए।
3. इस दिन बेसन, मैदा आदि से बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
4. महाशिवरात्रि का व्रत रखने वाले व्रती को दिन में नहीं सोना चाहिए। मान्यता है कि दिन में सोने से व्रत का फल नहीं मिलता है।
5. वाद-विवाद/कटु शब्दो से बचना चाहिए।
6. चाय, फल और दूध/साबूदाना खिचङी आदि का सेवन किया जा सकता है।