*बंसतपंचमी पूजा-29/30 जनवरी 2020*
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इस बसंत पंचमी सरस्वती पूजा की तिथि को लेकर उलझन की स्थिति इसलिए बन गई है क्योंकि माघ शुक्ल पंचमी तिथि का आरंभ-29 जनवरी को सुबह 10 बजकर 46 मिनट पर हो रहा है। स्थानीय समय के अनुसार इसमें कुछ आगे-पीछे हो सकता है। पंचमी तिथि का समापन 30 जनवरी को दोपहर बाद 1 बजकर 20 मिनट पर हो रहा है। इसलिए 29 और 30 जनवरी दोनों दिन बसंत पंचमी मनाई जा रही है।।
*बसंत पंचमी है शुभ दिन*
ज्योतिष के मुताबिक बसंत पंचमी का दिन अबूझ मुहर्त के तौर पर जाना जाता है और यही कारण है कि नए काम की शुरुआत के लिए सबसे अच्छा दिन माना जाता है। बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के वस्त्र पहनकर पूजा करना भी शुभ होता है। इतना ही नहीं इस दिन पीले पकवान बनाना भी काफी अच्छा माना जाता है।
जानिए क्यों मनाई जाती है बसंत पंचमी
हिंदु पौराणिक कथाओं में प्रचलित एक कथा के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने संसार की रचना की। उन्होंने पेड़-पौधे, जीव-जन्तु और मनुष्य बनाए, लेकिन उन्हें लगा कि उनकी रचना में कुछ कमी रह गई। इसीलिए ब्रह्मा जी ने अपने कमंडल से जल छिड़का, जिससे चार हाथों वाली एक सुंदर स्त्री प्रकट हुई। उस स्त्री के एक हाथ में वीणा, दूसरे में पुस्तक, तीसरे में माला और चौथा हाथ वर मुद्रा में था। ब्रह्मा जी ने इस सुंदर देवी से वीणा बजाने को कहा। जैसे वीणा बजी ब्रह्मा जी की बनाई हर चीज़ में स्वर आ गया। तभी ब्रह्मा जी ने उस देवी को वाणी की देवी सरस्वती नाम दिया। वह दिन बसंत पंचमी का था। इसी वजह से हर साल बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती का जन्मदिन मनाया जाने लगा और उनकी पूजा की जाने लगी।
*सरस्वती मां के वंदना मंत्र*
*शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं*
*वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।*
*हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्*
*वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥२॥*
खान-पान बिना कोई भी भारतीय त्यौहार अधूरा है. बसंत पंचमी के दिन कुछ खास मिठाइयां और पकवान बनाये जाते हैं. इस दिन बंगाल में बूंदी के लड्डू और मीठा भात चढ़ाया जाता है. बिहार में मालपुआ, खीर और बूंदिया (बूंदी) और पंजाब में मक्के की रोटी के साथ सरसों साग और मीठा चावल चढाया जाता है।।
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प्रेषित- www.bit.ly/Jyotish4BetterLife