13 सितंबर श्राद्धपक्ष

 *महालया/पितृपक्ष श्राद्ध तिथि 13 से 28 सितंबर 19*
*पितृ पक्ष से जुड़ी धार्मिक मान्यता*
मान्यता है कि पितृ पक्ष में पितर देवता पृथ्वी लोक का भ्रमण करते हैं। इन दिनों में गया, हरिद्वार, उज्जैन, इलाहाबाद जैसे धार्मिक स्थलों पर पिंडदान किया जाता है। इन धर्म स्थलों पर तर्पण करने से पितृ देवता तृप्त होते हैं। दिवंगत पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण किया जाता है। श्राद्ध वो कर्म है, जिससे पितरों को तृप्ति के लिए भोजन दिया जाता है। पिंडदान और तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। जिस तिथि पर परिवार के व्यक्ति की मृत्यु हुई है, उसी तिथि पर उस व्यक्ति के लिए श्राद्ध कर्म करना चाहिए।
13 सितंबर शुक्रवार प्रोष्ठपदी/पूर्णिमा श्राद्ध
14 सितंबर शनिवार प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध
15/16 सितंबर रविवार द्वितीया तिथि का श्राद्ध
17 सितंबर मंगलवार तृतीया तिथि का श्राद्ध
18 सितंबर बुधवार चतुर्थी तिथि का श्राद्ध
      ( महाभरणी श्राद्ध)
19 सितंबर बृहस्पतिवार पंचमी तिथि का श्राद्ध
20 सितंबर शुक्रवार षष्ठी तिथि का श्राद्ध
21 सितंबर शनिवार सप्तमी तिथि का श्राद्ध
22 सितंबर रविवार अष्टमी तिथि का श्राद्ध
23 सितंबर सोमवार नवमी तिथि का श्राद्ध
24 सितंबर मंगलवार दशमी तिथि का श्राद्ध
25 सितंबर बुधवार एकादशी का श्राद्ध
      द्वादशी तिथि-संन्यासियों का श्राद्ध
26 सितंबर बृहस्पतिवार त्रयोदशी तिथि का श्राद्ध
27 सितंबर शुक्रवार चतुर्दशी का श्राद्ध
28 सितंबर शनिवार अमावस्या व सर्वपितृ श्राद्ध
*चतुर्दशी तिथि श्राद्ध की विशेषता*
ऎसे सभी जो आज किसी कारण वश हमारे मध्य नहीं तथा इस लोक को छोड कर परलोक में वास कर रहे है, तथा इस लोक को छोडने का कारण अगर शस्त्र, विष या दुर्घटना आदि हो तो ऎसे पूर्वजों का श्राद्ध चतुर्दशी तिथि को किया जाता है. व चतुर्दशी तिथि में लोक छोडने वाले व्यक्तियों का श्राद्ध अमावस्या तिथि में करने का विधान है।।
*श्राद्ध मंत्र*-श्राद्ध पक्ष के दिनों में इस मंत्र का जाप करना चाहिए- *।।ऊॅं नमो भगवते वासुदेवाय।।*
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प्रेषित-  *पंचाक्षर ज्योतिष-पुणे(महाराष्ट्र)*
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