मकरसंक्रांति 15 जनवरी

मकर संक्रांति के दिन सूर्य उपासना करना व पुण्यकाल में दान देना अत्यंत लाभदायक माना गया हैं।
सूर्यदेव की कृपा प्राप्त करने वाले प्रयोग:-
मकरसंक्रांति के दिन स्नान करके पवित्र होकर लाल वस्त्र धारण करकें ,लाल आसन पर बैठ कर, भगवान सूर्य की पूजा करने हेतू एक पाट (बाजोट) पर लाल वस्त्र बिछाकर उस पर सूर्य देव का मूर्ति/फोटो रखकर पंचामृत से स्नान करवा कर धूप दीप जला, लाल पुष्प अर्पित कर गुड का प्रसाद चढावें।तत्पश्चात सूर्यमंत्र का 28 हजार या 7 हजार जाप करें।
1. ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:
2. ऊँ घृणि सूर्याय नम:
मंत्र जाप के बाद अगर सम्भव हो तो मंत्र का दशांश हवन करे इससे विशेष लाभ होता हैं व रोगो से मुक्ति में सहायता मिलती हैं।
*दान होम हवन*
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यदि संक्रांति के दिन आपके घर में पूजा, यज्ञ या हवन है तो अपने पूर्वजों और घर के इष्ट देवता को याद करना न भूलें। इससे भविष्य में शुभ कार्यों में विघ्न पड़ने की संभावना कम रहती है।
इस दिन सुबह उठकर यदि आप काले चने के साथ गुड़ मिलाकर किसी गाय या कुत्ते को खिलाएंगे तो आपको इससे शारिरीक स्वास्थ्य का लाभ मिलेगा।
मकर संक्रांति के पावन पर्व पर गुड़ और तिल लगाकर नर्मदा नदी में स्नान करना लाभकारी होता है।
यह बहुत ही शुभ दिन होता है इसलिए कोई व्यक्ति बिना मुहूर्त निकाले इस दिन अपना कोई भी शुभ कार्य संपन्न करा सकता है।
यह दिन दान करने के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। भूखे को खाना खिलाने, गरीबों में कपड़े, कंबल बांटने या कोई उपहार देने से पुण्य मिलता है।
मकर संक्रांति में कुंभ के दौरान गंगाजी में स्नान करना व दान का बहुत महत्व है। इस अवसर पर खिचड़ी, तिल, गुड़, चावल, नीबू, मूली, उड़द दाल और द्रव्य का दान करना चाहिए। इस दिन सूर्य को आराध्य मानकर पितरों को भी तिल, दान करना पुण्यकारी होता है।
*म क र  सं क्रां ति   की   शु भ का म ना एें*