पीपल वृक्ष का महत्व

 *पीपल के पेड का धार्मिक व वैज्ञानिक महत्व*
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पद्मपुराण के अनुसार पीपल का वृक्ष भगवान विष्णु का रुप है. इसलिए इसे धार्मिक क्षेत्र में श्रेष्ठ देव वृक्ष की पदवी मिली और इसका विधि विधान से पूजन आरंभ हुआ. हिन्दू धर्म में अनेक अवसरों पर पीपल की पूजा करने का विधान है. मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष में साक्षात भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी का वास होता है. पुराणों में पीपल का बहुत महत्व बताया गया है *अत: सोमवती अमावस्या को पीपल की पूजा विशेष फल देती हैं*।
पीपल के वृक्ष के कई ज्योतिषीय गुण बोध माने गए हैं. पीपल को बृहस्पति ग्रह से जोड़ा जाता है. माना जाता है कि पीपल का बृहस्पति से सीधा संबंध होता है. बृहस्पति को सभी ग्रहों में सबसे अधिक लाभ देने वाला ग्रह माना जाता है. बृहस्पति धन का कारक ग्रह है. बृहस्पति जब भी किसी की कुंडली में प्रवेश करते हैं, उस व्यक्ति को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने को कहा जाता है. माना जाता है कि पीपल में जल चढ़ाने से कुंडली में मौजूद कमजोर बृहस्पति मजबूत होता है।
*शनि की साढ़ेसाती*
शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या के कुप्रभाव से बचने के लिए हर शनिवार पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाकर सात बार परिक्रमा करनी चाहिए. शाम के समय पेड़ के नीचे दीपक जलाना भी लाभकारी सिद्ध होता है।
*पीपल सर्वदेवमय वृक्ष है, अत: इसका पूजन करने से समस्त देवता पूजे जाते हैं*
छिन्नो येन वृक्षश्वत्थश्छेदिता पितृदेवता: । 
यज्ञार्थं छेदितऽवत्थे ह्यक्षयं स्वर्गमाप्नुयात् ।। 
अश्वत्थ: पूजितो यत्र पूजिता: सर्वदेवता:।।
पीपल के पेड में देवताओ का वास रहता हैं इसलिये पुराने समय में संत महात्मा पीपड के पेड के नीचे तपस्या करते थे।
*आज विज्ञान इस निष्कर्षपर पहुँचा है कि दुनिया का एक मात्र पीपल ही ऐसा वृक्ष है, जो दिन-रात चौबीसों घण्टे ऑक्सीजन का उत्सर्जन करता है तथा कार्बनडाई ऑक्साइड को ग्रहण करता है । इससे बड़ा मानवपकारी कौन हो सकता है*? 
गुरूवार के दिन पीपल के पेड के नीचे दीपक (दिया) जलाये और रोजाना मंत्र बोलते हुऐ जल चढा़ये।
मंत्र-  *ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:*
आप सोच रहे होगे कि इस छोटे से उपाय से क्याँ होगा।
आइये आपको इसे वैज्ञानिक तरीके से बताते हैं।जब आप दीपक जलाते हैं तो वो कार्बनडाईआक्साईड छोडता हैं जो पीपल के पेड की खुराक हैं और इसके बदले में पीपल का पेड जीवनदायी आक्सीजन छोडता हैं और पानी से उसको जीवन मिलता हैं अब आप इसे ऐसे भी कह सकते कि जिस पेड में देवताओ का वास हैं उसे आप खुराक (भोजन) व पानी दे रहे हैं तो आप पर देवताओ की कृपा हो ही सकती हैं।इसी खूबियों के पीपल के पेड को "अक्षय वृक्ष" का दर्जा हासिल हैं।
*जनहितार्थ प्रेषित*-
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