वास्तु शास्त्र टिप्स ४

मकान के दक्षिण भाग मे अगर वास्तु दोष हो तो​ ​उसका क्यां प्रभाव होता है ​उसका पूरा विवरण आपको देते हैं।​​​

दक्षिण दिशा के स्वामी यम,आयुध दंड एवँ प्रतिनिधि ग्रह मंगल हैं ।
१.मकान के दक्षिण भाग मे अगर पानी का संग्रह या टेंक हो तो​ आकस्मिक बिमारी का सामना कर पड सकता है या शारीरिक​ अस्वस्थता बनी रहती हैं ।​
२. मकान के दक्षिण भाग मे अगर अध्ययन कक्ष या लायब्रेरी हो​ तो पढाई समझने मे दिक्कत होगी और याद नही रहेंगी ।​
​३.मकान के दक्षिण भाग मे अगर पूजाघर होतो पूजा दिखावा​ होगी, आदिशक्ति नही होगी ।​
​४. मकान के दक्षिण भाग मे गड्डा,मैदान या अंधकार होतो​ मकान मालिक के भाईयों को कष्ट होगा ।​
​५. मकान के दक्षिण भाग मे कूडादान,पुराना कबाड या कुंआ हो तो​ मकान मालिक को बिमारी रहेगी ।
६.मकान के दक्षिण भाग के द्वार आग्नेय मुखी (पू्र्व-दक्षिण)​ होतो आग या अदालती कार्यवाही का खतरा रहता हैं ।​
​७. मकान के दक्षिण भाग के द्वार नैर्ऋत्यमुखी (उत्तर-पश्चिम)​ होतो लम्बी बिमारी या आकस्मिक मृत्यु का खतरा रहता हैं ।​
​८.मकान के दक्षिण भाग में अगर खाली जगह होतो आर्थिक हानि या झगडे की संभावना रहती हैं ।​
​इस प्रकार के दोष होने पर आप अपने मकान का वास्तु-निरीक्षण​ ​करवा कर ताम्रपत्र पर हस्तनिर्मित यंत्रो का प्रयोग कर नुकसान​ से बच सकते हैं ।।