आज हम आपको साढे तीन मुहुर्त के बारे में बताते है इस दिन कोई भी नया शुभ कार्य करने के लिए किसी भी पंचाग शुद्धि या किसी से मुहुर्त पुछने की जरूरत नहीं होती क्योंकि ये मुहुर्त अपने आप में सिद्ध और शुभ होते हैं |
१ .चैत्र मास,शुक्ल पक्ष, प्रतिपदा ( गुडी पाडवा)
२. वैशाख मास,अक्षय तृतीया (आखा तीज)
३. आश्विन मास,शुक्ल पक्ष, (विजयादशमी )
४ .कार्तिक मास, शुक्ल पक्ष, प्रतिपदा ( अर्धबल होने से आधा मुहुर्त माना गया है )
इन मुहुर्त पर नये मकान का कार्य शुरू करवाना, गृहप्रवेश, मकान व वाहन ( कार,मोटरसाइकिल ),गहने खरीदना,नया व्यवसाय शुरु करना इत्यादि कार्य किये जा सकते हैं |