कई बार बच्चे के जन्म के समय आपने सुना होगा कि
बच्चा मूल नक्षत्र में हुआ हैं आज आपको "मूल नक्षत्र"
के बारे में जानकारी देते हैं ।
६ नक्षत्र ऐसे होते हैं जिन्हें "मूल नक्षत्र" कहा जाता हैं
१.अश्विनी (मेष राशि) २. आश्लेषा (कर्क राशि)
३. मघा (सिंह राशि) ४.ज्येष्ठा (वृच्छिक राशि)
५. मूल (धनु राशि) ६. रेवती (मीन राशि)
इन नक्षत्र राशि में जन्मे शिशु मूल पडने की संज्ञा
दी जाती हैं ।ऐसे शिशु का मुख पूजा से पहले पिता
को देखना वर्जित हैं ।मूल नक्षत्र शांति १२ वें दिन या
या जन्म नक्षत्र के २६ वें,२७वें या २८वें दिन की जाती हैं।
पूजा के पश्चात् पिता को प्रथम शिशु का मुख तेल मे देखना चाहिए तत्पश्चात प्रत्यक्ष देखना चाहिए ।।