वास्तुशास्त्र (पूर्व दिशा दोष )​​

(आज पू्रव दिशा के वास्तुदोष की जानकारी देते हैं ।)

​पूर्व दिशा के स्वामी इंद्रदेव, आयुध व्रज एंव ग्रह सूर्य हैं​|

​१.पूर्व दिशा में टायलेट हो व पू्रव दिशा का स्थान ऊंचा  हो तो बिमारी रहती हैं  ।​

२.पूर्व दिशा में अगर कीचन हो,लाईट मीटर,इन्वेटर, भट्टी व​

​    टी.वी. हो तो टेंशन व कलह रहती हैं ।​

३.पूर्व दिशा में स्थान खाली ना हो एंव ढलान पश्चिम की ओर​

जाता हो तो प्रगति ना होना नेत्र या अंग मे विकार व संतान​

कष्ट रहता हैं ।​ ४.पूर्व दिशा सें सूर्य प्रकाश घर में ना आये या सेफ्टी टेंक हो तो ​

​     यश प्राप्ति नही होती ।​

​उपरोक्त स्थिति मे घर का वास्तु परिक्षण करवा कर एंव वास्तु​

शांति करवाकर और वास्तुयंत्र से नुकसानों से बचा जा सकता हैं ।।