अक्षय तृतीया 30 अप्रैल

 वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 30 अप्रैल को है। अक्षय तृतीया के दिन किए गए दान-पुण्य और अच्छा कार्यों का क्षय नहीं होता है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने का महत्व है। इससे घर में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन नया काम शुरू करना शुभ माना जाता है।इस दिन का शुभ मुहूर्त और महत्व-30 अप्रैल को 05 .41 से 14.12  तक पूजा का और खरीदारी का शुभ मुहूर्त है।
अक्षय तृतीया का महत्व
मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन धरती पर गंगा का अवतरण हुआ था। इस दिन से सतयुग, द्वापरयुग, त्रैतायुग की शुरुआत की गणना की जाती है। इस दिन भगवान विष्णु के दशावतार में से छठे रूप भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। इसी तरह अक्षय तृतीया के दिन से उत्तराखंड में स्थित चार धामों की यात्रा भी शुरू होती है। गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खोले जाते हैं।
अक्षय तृतीया का मुहूर्त क्या है?
भले ही अक्षय तृतीया दोपहर 2.13 बजे समाप्त हो जाएगी, लेकिन उदया तिथि की वजह से पूरे दिन अक्षय तृतीया का महत्व रहेगा। इस कारण आप पूरे दिन खरीदारी या नया काम शुरू कर सकते हैं। लेकिन दोपहर 2.13 बजे तक उत्तम मुहूर्त है। ऐसे में दोपहर 2.13 बजे से पहले 30 अप्रैल को धर्म-कर्म, खरीदारी, दान-पुण्य और नया काम शुरू करना सर्वोत्तम रहेगा।