चैत्र प्रतिपदा आरंभ- 16.28 (29 मार्च से 12.50 तक ( 30 मार्च).कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 30 मार्च को 6.13 मिनट से सुबह 10.22 मिनट तक रहेगा।
चैत्र नवरात्रि का आरंभ और समापन दोनों रविवार को हो रहा है, जिससे मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी और इसी पर प्रस्थान करेंगी। हाथी पर माता का आगमन बेहद शुभ माना जाता है, जो अच्छे वर्षा चक्र, समृद्धि और खुशहाली का संकेत देता है।30 मार्च- माँ शैलपुत्री पूजा (12.50 तक प्रतिपदा)पसंदीदा रंग- नारंगी,नैवेद्य- दुध से बने पकवान फल- अनार -बीज मंत्र- ह्रीं शिवाये नमः
31 मार्च -माँ ब्रह्मचारिणी पूजा (09.12 तक द्वितीया)पसंदीदा रंग- सफेद, नैवेद्य- चीनी मिश्री, पान सुपारी,पकवान-फल- सेव ,बीज मंत्र- ह्रीं श्री अम्बिकायै नमः
31 मार्च – माँ चंद्रघंटा पूजा (09.13 से तृतीया)पसंदीदा रंग-,लाल,नैवेद्य- रस मलाई पकवान- फल- केले ,बीज मंत्र-ऐं श्रीं शक्तयै नमः
1 अप्रैल- माँ कूष्माण्डा पूजा-पसंदीदा रंग- नीला, नैवेद्य-,मालपुए फल- नाशपाती,
बीज मंत्र- ऐं ह्री देव्यै नमः
2 अप्रैल – माँ स्कन्दमाता पूजा-पसंदीदा रंग- ग्रे, नैवेद्य-इलायची से बने पकवान फल- अंगूर ,बीज मंत्र- ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नमः
3 अप्रैल - माँ कात्यायनी पूजा-पसंदीदा रंग- पीला,नैवेद्य-शहद के पकवान- फल- अमरूद ,बीज मंत्र- क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नमः
4 अप्रैल – माँ कालरात्रि पूजा-पसंदीदा रंग- उजला, नैवेद्य- गुड से बने पकवान- फल- चीकू ,बीज मंत्र- क्लीं ऐं श्री कालिकायै नमः
5 अप्रैल- दुर्गा अष्टमी, माँ महागौरी पूजा-पसंदीदा रंग- बेंगनी, नैवेद्य- हलवा-नारियल के पकवान फल-नारीयल, चना,बीज मंत्र-श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नमः
6 अप्रैल – महा नवमी, माँ सिद्धिदात्री पूजा -पसंदीदा रंग- मोरपंखी,नैवेद्य- पूरी हलवा, खीर-फल- संतरा ,बीज मंत्र- ह्रीं क्लीं ऐं सिध्दये नमःराम नवमी- 6 अप्रैल रविवार (श्रीराम अवतरण दिवस)
पूजा समय सुबह 11. 08 से लेकर दोपहर 13.39 मिनट तक रहेगा। वहीं दोपहर
12.24 मिनट पर मध्याह्न का समय है, जो भगवान श्रीराम का अवतरण समय भी है।
नवरात्रि पारणा- 7 मार्च सुबह 06.25 के बाद
हिन्दू नव वर्ष 2082 और राष्ट्रीय शक 1947 का आरंभ 30 मार्च से।