वास्तुशास्त्र में आठ प्रमुख दिशाओं का जिक्र आता है, जो मनुद्गय के समस्त कार्य-व्यवहारों को प्रभावित करती हैं। इनमें से प्रत्येक दिशा का अपना-अपना विशेष महत्व है। अगर आप घर या कार्यस्थल में इन दिशाओं के लिए बताए गए वास्तु सिद्धांतों का अनुपालन करते हैं, तो इसका सकारात्मक परिणाम आपके जीवन पर होता है। इन आठ दिद्गााओं को आधार बनाकर आवास/कार्यस्थल एवं उनमें निर्मित प्रत्येक कमरे के वास्तु विन्यास का वर्णन वास्तुशास्त्र में आता है।
1.पूर्व, 2.उत्तर, 3.उत्तर-पूर्व (ईशान कोण), 4.पश्चिम, 5.उत्तर- पश्चिम (वायव्य कोण), 6.दक्षिण, 7.दक्षिण- पश्चिम (नैऋत्य कोण), 8.दक्षिण-पूर्व (आग्नेय कोण)