सभी ग्रहों में सूर्य को सबसे प्रमुख माना जाता है. यह ऊर्जा के मुख्य स्रोत होते हैं. सूर्य का मकर राशि में गोचर 14 जनवरी रात्रि को 02 बजकर 32 मिनट पर होगा । इसलिए मकर संक्रांति 15 जनवरी ko होगी.
सूर्य गुणों का भी प्रतिनिधित्व करते हैं.मकर संक्रांति पर स्नान और दान का महत्व हैं.
प्राचीन समय से मकर संक्रांति के दिन स्नान करने के बाद दान किया जाता है। इस अवसर पर स्नान-दान करने से व्यक्ति के लोक और परलोक दोनों सुधर जाते हैं। गंगा स्नान करने से अश्वमेध यज्ञ और गऊ दान करने के समान शुभ फल की प्राप्ति होती है।
तिल और गुड़ का दान भी विशेष माना जाता है. इन्हें दान करने से मान-सम्मान प्राप्त होता है और धन लाभ भी होता है।
यदि आपकी कुंडली में सूर्य और शनि खराब स्थिति में हैं तो इस दिन गुड़ और तिल का दान करने से इनकी स्थिति कुंडली में ठीक हो सकती है।
यदि आपके ऊपर शनि की साढ़ेसाती या ढैया का प्रभाव है, तो आप मकर संक्रांति के दिन काले तिल को तांबे के पात्र में भरकर किसी गरीब व्यक्ति या फिर किसी ब्राह्मण को अवश्य दान करें. ऐसा करने से उन्हें शनिदेव का आर्शीवाद प्राप्त होगा।
शिव पुराण के अनुसार, मकर संक्रांति पर आप नए वस्त्रों का दान करेंगे तो शुभ होगा. ऐसा करने से सेहतमंद बने रहेंगे. किसी प्रकार की कोई बीमारी हो तो वस्त्रों का दान करने से समस्या कम होने लगती है.