श्राद्ध 29 सितंबर से 14 अक्टूबर

 29 सितंबर 2023, शुक्रवार: पूर्णिमा श्राद्ध ( 15.28 तक)
29 सितंबर 2023, शुक्रवार: प्रतिपदा श्राद्ध (15.29 से आरंभ)
30 सितंबर 2023, शनिवार- प्रतिपदा- श्राद्ध (12.21 तक) 
और द्वितीया श्राद्ध (12.22 से आरंभ).
01 अक्टूबर 2023, रविवार: तृतीया श्राद्ध (09.43 से)
02 अक्टूबर 2023, सोमवार: चतुर्थी श्राद्ध (07.38 से)
03 अक्टूबर 2023, मंगलवार: पंचमी श्राद्ध 
04 अक्टूबर 2023, बुधवार: षष्ठी श्राद्ध
05 अक्टूबर 2023, गुरुवार: सप्तमी श्राद्ध
06 अक्टूबर 2023, शुक्रवार: अष्टमी श्राद्ध
07 अक्टूबर 2023, शनिवार: नवमी श्राद्ध
08 अक्टूबर 2023, रविवार: दशमी श्राद्ध
09 अक्टूबर 2023, सोमवार: ये वृद्धि तिथि होगी,
इस दिन किसी तिथि का श्राद्ध नहीं होगा।
10 अक्टूबर 2023, मंगलवार: एकादशी श्राद्ध
11 अक्टूबर 2023, बुधवार: द्वादशी श्राद्ध
12 अक्टूबर 2023, गुरुवार: त्रयोदशी श्राद्ध
13 अक्टूबर 2023, शुक्रवार: चतुर्दशी श्राद्ध
14 अक्टूबर 2023, शनिवार: सर्व पितृ अमावस्या।
ऐसे लोग जिनकी अकाल मृत्यु हुई हो जैसे आग से जलने, शस्त्रों के आघात से, विषपान से, दुर्घना से या जल में डूबने से हुई हो, उनका श्राद्ध चतुर्दशी तिथि
 (13 अक्टूबर) को करना चाहिए.।
पितृ पक्ष के अंतिम दिन सर्वपितृ अमावस्या पर ज्ञात-अज्ञात पूर्वजों के श्राद्ध किए जाते हैं. इसे पितृविसर्जनी अमावस्या(14 अक्टूबर) महालय समापन भी कहा जाता है। सौजन्य से- श्रीधरी पंचांग, किशनगढ (Rajasthan)