पुरुषोत्तम मास 18 जुलाई से 16 अगस्त

 मलमास के दौरान निषेध 
किसी प्रकार के शुभ कार्य जैसे- शादी-विवाह, मुंडन, अन्नप्राशन संस्कार, गृह प्रवेश, भूमि पूजन आदि वर्जित होते हैं। साथ ही मलमास में नए घर का निर्माण शुरू नहीं करना चाहिए। इस दौरान नया काम या व्यापार भी नहीं शुरू करना चाहिए।
अधिक मास में क्या दान करना चाहिए।
घी से भरा चांदी का दीपक,सोना या कांसे का पात्र,कच्चा चना,गुड़,तुवर दाल
खारेक,लाल चंदन,मीठा रंग इत्यादि ।
अधिकमास में हिंदू श्रद्धालु व्रत- उपवास, पूजा- पाठ, ध्यान, भजन, कीर्तन, मनन को अपनी जीवनचर्या बनाते हैं। पौराणिक सिद्धांतों के अनुसार इस मास के दौरान यज्ञ- हवन के अलावा श्रीमद् देवीभागवत, श्री भागवत पुराण, श्री विष्णु पुराण, भविष्योत्तर पुराण आदि का श्रवण, पठन, मनन विशेष रूप से फलदायी होता है। अधिकमास के अधिष्ठाता भगवान विष्णु हैं, इसीलिए इस पूरे समय में विष्णु मंत्रों का जाप विशेष लाभकारी होता है। ऐसा माना जाता है कि अधिक मास में विष्णु मंत्र का जाप करने वाले साधकों को भगवान विष्णु स्वयं आशीर्वाद देते हैं, उनके पापों का शमन करते हैं और उनकी समस्त इच्छाएं पूरी करते हैं।