चंद्र ग्रहण और बुद्ध पूर्णिमा 5 मई 2023
ग्रहण का आरंभ- 20.44 से समाप्त- 01.02 बजे (6 मई)
उपछाया चंद्रग्रहण को लेकर शास्त्रों में बताया गया है कि इसमें चंद्रमा का पथ केवल मलिन होता है यानी चंद्रमा की रंग मलिन हो जाता है।लेकिन, चंद्रमा कटता हुआ दृश्य नहीं होता है इसलिए इसमें सूतक का विचार नहीं करना होता है। यही वजह है कि 5 मई के चंद्रग्रहण में सूतक काल का विचार नहीं किया जाएगा। इसलिए इसे चंद्रग्रहण न कहकर उपछाया चंद्रग्रहण कहा जा रहा हैभारत में यह उपछाया चंद्रग्रहण दिखाई देगा। भारत के अलावा यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक, महासागर, हिंद महासागर, नॉर्थ पोल पर दृश्य होगा।
यह चंद्र ग्रहण तुला राशि और स्वाति नक्षत्र में लगेगा. इसलिए इस राशि और नक्षत्र वाले लोगों को चंद्र ग्रहण के दौरान ज्यादा सावधान रहना होगा।