होली 2023

 हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि 6 मार्च को शाम 16 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 7 मार्च को शाम 18 बजकर 10 मिनट पर होगा. 
6 मार्च को रात्री में पूर्णिमा होने पर भी होलिका दहन न होने का एक कारण ये है कि इस दिन पूर्णिमा तिथि पर भद्रा का साया रहेगा. 6 मार्च सोमवार में शाम 16:18 मिनट से भद्रा शुरू हो जाएगी और 7 फरवरी 2023 को सुबह 05:15 बजे तक रहेगी.
उदयातिथि के अनुसार होलिका दहन का त्योहार 7 मार्च को मनाया जाएगा।
होलिका दहन प्रदोष काल में किया जाता है और इस बार दहन का शुभ समय 7 मार्च को शाम 6 बजकर 31 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 58 मिनट तक रहेगा. यानि दहन के लिए केवल 2 घंटे 7 मिनट का ही समय होगा।
होली 7 मार्च के दिन कोतवाल कहे जाने वाले भैरो बाबा को लोंग इलायची सुपारी जनेऊ पान के पत्ते सिंदूर अर्पित करनी चाहिए।
होली के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्‍णु को आप बताशे का भोग लगाकर प्रसन्‍न कर सकते हैं। साथ ही माता लक्ष्‍मी को पीले या सफेद मिष्‍ठान का भोग लगाना चाहिए उसके बाद यह प्रसाद बच्चियों को वितरित करनी चाहिए।
होली पर सुख समृद्धि की प्राप्ति के लिए होली की अग्नि में भूनी गईं गेहूं की बालियों का भी भोग श्री राम जी को भोग लगाना चाहिए। भगवान आपके भंडार सदैव भरे रखेंगे और आपको भी कभी पैसों की कमी नहीं होगी।