*गणेश चतुर्थी-31 अगस्त से 9 सितंबर 2022*
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चतुर्थी तिथि प्रारम्भ - अगस्त 30 को दोपहर 15.33 मिनट पर
चतुर्थी तिथि समाप्त - अगस्त 31 को दोपहर 15.22 मिनट पर
*गणेश पूजा मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 24 मिनट से दोपहर 13 बजकर 54 मिनट पर* (31 अगस्त)
गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित करते समय इस मंत्र का करें जाप-
अस्य प्राण प्रतिषठन्तु अस्य प्राणा: क्षरंतु च. श्री गणपते त्वम सुप्रतिष्ठ वरदे भवेताम..
गणेशपूजने कर्म यत् न्यूनमधिकम कृतम.
तेन सर्वेण सर्वात्मा प्रसन्न अस्तु गणपति सदा मम..
*गणेश चतुर्थी क्यों मनाते हैं ?*
पौराणिक कथा के अनुसार गणेश चतुर्थी को गणेश जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं. महर्षि वेदव्यास जी ने महाभारत की रचना के लिए गणेश जी का आह्वान किया था और उनसे महाभारत को लिपिबद्ध करने की प्रार्थना की. कहते हैं गणेश चतुर्थी के दिन ही व्यास जी ने श्लोक बोलना और गणपति जी ने महाभारत को लिपिबद्ध करना शुरू किया था, 10 दिन तक बिना रूके गणपति ने लेखन कार्य किया. इस दौरान गणेश जी पर धूल मिट्टी की परत जम गई। 10 दिन बाद यानी की अनंत चतुर्दशी पर बप्पा ने सरस्वती नदी में कर खुद को स्वच्छ किया. तब से ही हर साल 10 दिन तक गणेश उत्सव मनाया जाता है।
प्रेषक- www.vinayaktantra.com
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