मकर संक्रान्ति 2022

 *मकर संक्राति 2022*
अलग अलग शहरो के अक्षांश-रेखांश के अनुसार सूर्योदय के परिणामस्वरूप सूर्य के राशि परिवर्तन में समय का अंतर हो जाता है। इस बार भी यही भ्रम रहेगा कि संक्रांति 14 या 15 जनवरी को मनाया जाए। वाराणसी (UP) के पंचांग के अनुसार संक्रांति पर्व निर्विवाद रूप से 15 जनवरी को ही मनाया जाएगा क्योंकि सूर्योदय के समय मकर राशि में सूर्यदेव होंगे।
*मकर संक्रांति 14 जनवरी पर स्नान का समय*
मकर संक्रांति यानी सूर्य का मकर राशि में प्रवेश इस वर्ष दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में शास्त्रीय मत के अनुसर इस वर्ष मकर संक्रांति पर स्नान के पुण्य काल का आरंभ सुबह 8 बजकर 05 मिनट पर होगा और शाम में सूर्यास्त से पूर्व तक रहेगा। ऐसे इसलिए हो रहा है क्योंकि सुबह 8 बजकर 5 मिनट से निरयण उत्तरायण आरंभ हो जाएगा। वैसे शास्त्रों में बताया गया है कि सूर्य के मकर राशि या किसी भी अन्य राशि में प्रवेश से 6 घंटे पूर्व और 6 घंटे बाद तक संक्रांति का पुण्य काल रहता है।
सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही सभी तरह के मांगलिक कार्य जैसे यज्ञोपवीत, मुंडन, शादी-विवाह, गृहप्रवेश आदि आरम्भ हो जाएंगे। सूर्य की दक्षिणायन यात्रा के समय जो देवप्राण शक्तिहीन हो गये थे उनमें पुनः नई ऊर्जा शक्ति का संचार हो जाएगा।
मकर संक्रांति देवताओं के दिन का शुभारंभ होता है। इस दिन सभी देवता भगवान  श्री विष्णु और मां श्रीमहालक्ष्मी का पूजन-अर्चन करके अपने दिन की शुरुआत करते हैं अतः श्रीविष्णु के शरीर से उत्पन्न तिल के द्वारा बनी वस्तुएं और श्रीलक्ष्मी के द्वारा उत्पन्न इक्षुरस अर्थात गन्ने के रस से बनी वस्तुएं जिनमें गुड़-तिल का मिश्रण हो उसे  दान किया जाता है।