गुढी पाडवा अर्थात चैत्र मास की प्रतिपदा महाराष्ट्र में मनाये जाने वाला नववर्ष|नूतन वर्ष का यह पहला दिन|पौराणिक काल से ही यह मान्यता है की इसी दिन ब्रह्माजी ने सृष्टि की रचना की|अतः इस दिन सुबह घरघर में ध्वजा फहरायी जाती है|सभी देवी देवता की पूजन की जाती है||एक लम्बी लकड़ी पर नीम एवम आम के पत्ते, रेशमी वस्त्र, गां ी , फूलों के हार आदि लगा कर उस पर चंडी ,तांबा,पीतल अथवा स्टील का छोटा लोटा लगाया जाता है|
गुडी पाडवा अपने साथ वसंत ऋतु की समाप्ति और ग्रीष्म की शुरूआत की सूचना लाता है|,|गुढी पाडवा का पर्व नव वर्ष के आगमन के साथ ही समानता ,विश्व बंधुत्व और सत्य तथा धर्म की राह पर चलने का सन्देश देता है|
हिन्दू नववर्ष २०७२ का आरम्भ